1. नमक के गर्म पानी से गरारे

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    यह उपाए दूसरे उपायों के मुकाबले काफी सरल लग सकता है, नमक और गुनगुने पानी के गरारे खांसी और गले की खिच खिच से आराम दिलवाने में मदद कर सकते है। 1/4 से 1/2 चम्मच नमक को 250 ml गर्म पानी के साथ मिलाकर पीने से जलन से राहत मिलती है।

    ध्यान दें कि 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे विशेष रूप से गरारे करने में अच्छे नहीं होते हैं। इस आयु वर्ग के लिए अन्य उपायों की कोशिश करना सबसे अच्छा है।

  2. शहद

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    शहद गले के इलाज के लिए एक परम्परागत उपाए है। एक अध्ययन के अनुसार, यह खांसी की दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से खांसी से राहत दे सकता है जिसमें डेक्सट्रोमेथोरोफन (डीएम) होता है, जो एक खांसी और कफ मारक है। आप हर्बल चाय या गर्म पानी और नींबू के साथ शहद के 2 चम्मच को मिलाकर घर पर अपना खुद की औषधि बना सकते हैं। शहद पीड़ा से आराम देता है , जबकि नींबू का रस बलगम के कारण जाम गले को खोलने में मदत करता है । आप चाहे तो बस चमचे से भी शहद को खा सकते है। इससे भी आपके गले को आराम मिलेंगा ।

  3. आंवला

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    आंवला खांसी के लिए काफी असरकारी माना जाता है। यह आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदत करता है क्यूंकि इस में विटामिन-सी होता है और यह ब्लड सरकुलेश को बेहतर बनाता है। अपने खाने में आंवला शामिल कर आप एंटी-ऑक्सीडेंट्स का सोर्स बढ़ा सकते हैं ।

  4. हल्दी वाला दूध

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    आप हल्दी वाला दूध ले सकते हैं क्यूंकि हल्दी वाले दूध में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इस में एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मददगार होते है, तो खांसी के देसी नुस्खे के तौर पर आप हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल कर सकते है।

  5. लहसुन

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    लहसुन भी खांसी से राहत दिलाने में कारगर है, इसके लिए आपको लहसुन को घी में भून कर गर्मागरम खाना होगा। लहसुन बहुत ही गुणकारी है, लहसुन खाने से आपका ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता रोजाना खाली पेट लहसुन खाने से आपका ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता है। दिल से संबंधित समस्याओं को भी लहसुन कम करता है, इसलिए रोज सुबह लहसुन खा सकता है।

  6. प्रोबायोटिक्स

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    प्रोबायोटिक्स नामक सूक्ष्मजीव जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। हालांकि वे सीधे खांसी से राहत नहीं दिलाता, किन्तु वे आपके जठरांत्र( इंटेस्टिनेस ) संबंधी बैक्टीरिया को संतुलित करने में मदद करते हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फ्लोरा बैक्टीरिया होते हैं जो आपकी आंतों में रहते हैं।

    यह संतुलन पूरे शरीर के इम्यून सिस्टम को कार्य करने में समर्थन कर सकता है। यह भी पता चलता है कि लैक्टोबैसिलस , डेयरी में एक जीवाणु, ठंड या फ्लू की संभावना को कम कर सकता है।

    फोर्टीफ़िएड मिल्क लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) का एक बड़ा स्रोत है । हालांकि, आपको सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि डेयरी बलग़म को गाढ़ा कर सकती है।

  7. ब्रोमलेन

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    आप आमतौर पर अनानास को खांसी के उपाय के रूप में नहीं सोचते हैं , लेकिन ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि आपने कभी ब्रोमेलैन के बारे में नहीं सुना है। एक स्टडी में पाया गया कि ब्रोमेलैन – एक एंजाइम जो केवल अनानास के डंठल और फल में पाया जाता है – खांसी को दबाने के साथ-साथ आपके गले में बलगम को ढीला करने में मदद कर सकता है ।

    यह भी दावा है कि यह साइनसाइटिस और एलर्जी आधारित साइनस(रेशा ) मुद्दों को दूर करने में मदद कर सकता है , जो खांसी और बलगम में योगदान कर सकते हैं। हालांकि, इसके अपर्याप्त सबूत है इस बात का समर्थन करने के लिए । इसका उपयोग कभी-कभी सूजन और सूजन के इलाज के लिए भी किया जाता है।

    ब्रोमेलैन की खुराक उन बच्चों या लोगो/वयस्कों द्वारा नहीं ली जानी चाहिए जो रक्त को पतला करने की दवाई या सप्लीमेंट्स लेते है या जिनका खून बहुत पतला है। इसके अलावा, ब्रोमलेन के उपयोग से सावधान रहें यदि आप एंटीबायोटिक दवाओं जैसे कि एमोक्सिसिलिन(amoxicillin) पर भी हैं, क्योंकि यह एंटीबायोटिक के अवशोषण को बढ़ा सकता है। हमेशा नए या अपरिचित पूरक या दवाई लेने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें।

कब अपने डॉक्टर से संपर्क करे

यदि आपकी खाँसी सांस लेने की क्षमता को प्रभावित कर रही है या यदि वह 2 हफ्ते से पुरानी या यदि आपको खून आ रहा है, तो आपातकालीन चिकित्सा उपचार की तलाश करें । रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में शरीर में दर्द और बुखार होता है, जबकि एलर्जी नहीं होती है।

यदि आपको अपनी खांसी के अलावा निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो, तो अपने प्राथमिक देखभाल चिकित्सक को सम्पर्क/देखें:

  • ठंड लगना
  • निर्जलीकरण/डिहाइड्रेशन
  • बुखार 101˚F से अधिक (38˚C)
  • उत्पादक खाँसी जिसमें दुर्गंध, मोटी, हरी- या पीली बलगम आ रही हो
  • कमजोरी दुर्बलता

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